आधुनिक ज्यामिति में, विषमबहु एक ऐसा त्रिभुज है जिसमें विभिन्न लंबाई के सभी भुजा होते हैं. अर्थात, एक त्रिभुज के सभी भुजा असमान होते हैं साथ ही सभी कोण भी अलग-अलग माप के होते हैं. विषमबाहु सभी त्रिभुज से अलग आयाम रखता है, क्योंकि यह भुजाओं के आधार पर तीन प्रकार के त्रिकोणों से निर्मित होता है.
ज्यामितीय आकृति को व्यक्त करने के लिए विषमबाहु त्रिभुज के फार्मूला का प्रयोग किया जाता है. क्योंकि यह क्षेत्र के दृष्टिकोण से सबसे सटीक उत्तर प्रदान करता है.
यहाँ विषमबाहु त्रिभुज की परिभाषा, परिधि, फार्मूला एवं इसके गुणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान किया जाएगा. जो अपने भुजाओं एवं कोणों के आधार पर परिभाषित होता है. त्रिभुज तीन भुजाओं एवं तीन कोणों से बंद दो-आयामी विमाए आकृति है, जिसे परिमाप, क्षेत्रफल आदि से व्यक्त किया जाता है.
विषमबाहु त्रिभुज क्या है?
सामान्यतः विषमबाहु त्रिभुज एक त्रिभुज है जिसमें तीनों भुजाएँ अलग-अलग लंबाई एवं माप की होती हैं, तथा तीनों कोण अलग-अलग माप के होते हैं. लेकिन विषमबाहु त्रिभुज में समरूपता की कोई रेखा नहीं होती है. हालांकि, सभी आंतरिक कोणों का योग हमेशा 180 डिग्री के बराबर होता है.
सरल शब्दों में, जिस त्रिभुज की सभी भुजाएँ असमान हो, वह विषमबाहु त्रिभुज कहलाता है. उपयोगिता के आधार पर इस त्रिभुज का प्रयोग निम्न फार्मूला से किया जाता है. जो निचे अंकित है.
विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल का सूत्र
इस त्रिभुज यानि विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल एक से अधिक फार्मूला का प्रयोग कर के निकला जा सकता है. जैसे, सामान्य त्रिभुज का क्षेत्रफल भी इसे ज्ञात कर सकता है. जहाँ, इसके आधार और उचाई दी गई हो. लेकिन किसी विशेष स्थति में निम्न फार्मूला का प्रयोग किया जाता है.
1. विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल A = ½ × b × h अर्थात, A = ½ × आधार × ऊँचाई
Note:-
इस फार्मूला का प्रयोग समबाहु एवं समद्विबाहु त्रिभुज दोनों में भी किया जाता है.
2. दूसरा क्षेत्रफल A = 1/2 × a × b × sinθ जहाँ, a = ऊँचाई, b = आधार तथा θ = थीटा, जो त्रिभुज का कोण है.
अन्य महत्वपूर्ण त्रिभुज
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गणित में, हीरोन का सूत्र विषमबाहु त्रिभुज की तीनों भुजाएँ ज्ञात होने के उपरांत उसका क्षेत्रफल निकालने का प्रयोग किया जाता है. सबसे पहले त्रिभुज की परिधि यानि परिमाप ज्ञात किया जाता है. उसके पश्चात् इस फार्मूला का प्रयोग किया जाता है. इसे “हीरो का सूत्र” भी कहा जाता हैं. क्योंकि इस सूत्र का नाम अलेक्जैण्ड्रिया के हीरोन के नाम पर पड़ा था.
यदि किसी विषमबाहु त्रिभुज की तीन भुजाएँ a, b और c हों, तो
उस त्रिभुज का अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )
तथा क्षेत्रफल A =√ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]
जहाँ a, b, और c त्रिभुज की भुजाएँ है तथा S त्रिभुज की अर्धपरिमाप
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विषमबाहु त्रिभुज का परिपम
तीन असमान भुजाओं के साथ, Bishambahu Tribhuj की परिधि को तीन भुजा को जोड़कर निर्धारित किया जाता है.
- परिमाप P = (a + b + c)
- जहाँ a, b, और c त्रिभुज की भुजाएँ है.
विषमबाहु त्रिभुज का गुण
- इस त्रिभुज के अंदर के कोण एक समकोण भी हो सकते हैं.
- यदि किसी स्थति में त्रिभुज के सभी कोण 90 डिग्री से कम हो, तो परिधि चक्र का केंद्र एक त्रिभुज के अंदर स्थित होगा.
- इस त्रिभुज का कोई समान कोण नहीं होता.
- इसमें समरूपता की कोई रेखा नहीं होती है
- एक तिरछा त्रिभुज में, परिधि त्रिकोण के बाहर असत्य होगा.
- इसकी कोई समान भुजाएँ नहीं होती हैं.
- इसका कोई बिंदु समरूप नहीं होता है.
- तीनों भुजा के योग से परिमाप प्राप्त होता है.
- इस त्रिभुज में बड़े कोण के सामने की भुजा बड़ी तथा छोटे कोण के सामने की भुजा छोटी होती है.
- बड़ी भुजा का सम्मुख कोण बड़ा तथा छोटी भुजा का सम्मुख कोण छोटा होता है.
सामान्य प्रश्न: FAQs
वैसा त्रिभुज जिसकी सभी भुजाएं असमान हो, वह विषमबाहु त्रिभुज कहलाता है. इस त्रिभुज के तीनों कोण अलग माप के होते हैं.
विषमबाहु त्रिभुज एक ऐसा त्रिभुज होता है जिसकी तीनों भुजा अलग-अलग लंबाई की होती हैं, और तीनों कोण अलग-अलग माप के होते हैं.
विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए A = ½ × b × h अर्थात, A = ½ × आधार × ऊँचाई उपयोग किया जाता है.