गणितीय यूक्लिडियन ज्यामिति आकृति में, रोम्बस यानि Sam Chaturbhuj एक प्रकार का चतुर्भुज है, जो समांतर चतुर्भुज के लगभग समान होता है. इस चतुर्भुज के विकर्ण 90 डिग्री पर एक दूसरे को काटते हैं. यह रोम्बस की विशेष नियम है. विषमकोण समचतुर्भुज की आकृत लगभग Diamond के समान होता है. इसलिए, इसे डायमंड चतुर्भुज भी कहा जाता है.
वास्तव में, विषमकोण समचतुर्भुज का परिभाषा एवं गुणधर्म दुसरें चतुर्भुज से लगभग भिन्न होता है. शायद, इसलिए इसका प्रयोग एवं फार्मूला दूसरों से अधिक महत्वपूर्ण है.
विशेषज्ञों के निर्देशानुसार, इस चतुर्भुज की परिभाषा याद करना सरल है. क्योंकि इसका गुणधर्म जल्द समझ में आता है. साथ ही फार्मूला बेहद सरल और अधिक प्रयोग किया जाने वाला होता है.
सम चतुर्भुज का परिभाषा
एक समभुज यानि Sam Chaturbhuj, समांतर चतुर्भुज का एक विशेष रूप है. यह एक ऐसा चतुर्भुज है, जिसमे विपरीत भुजाएँ समानांतर होते हैं और विपरीत कोण भी समान होते हैं. इसके अलावा, rhombus के सभी भुजा की लंबाई आपस में समान एवं समरूप होते हैं. Rhombus के विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर काटते हैं.
दुसरें शब्दों में, वैसे ज्यामितीय आकृति जिसकी चारों भुजाओं समान हो, लेकिन चारों कोण समकोण न हो. अर्थात, प्रत्येक भुजा एक दुसरें से समरूप हो, लेकिन प्रत्येक कोण 90 डिग्री का न हो, उसे विषमकोण समचतुर्भुज कहा जाता है.
- AB = BC = CD = AD
- चारों भुजाएँ समान है.
- ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
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सम चतुर्भुज का फार्मूला
विषमकोण समचतुर्भुज का प्रयोग मुख्यतः क्लास 6 लेकर क्लास12th तक किया जाता है. इसके फार्मूला का सबसे अधिक प्रयोग कम्पटीशन में होता है. क्योंकि, इससे कभी- कभी एडवांस लेवल का प्रश्न भी पूछा जाता है. इसलिए, इसके सभी फार्मूला की जानकारी अनिवार्य है. शिक्षक ऐसे टॉपिक पर विशेष ध्यान देते है.
इसलिए, इसके सभी महत्वपूर्ण फार्मूला यहाँ उपलब्ध कराया गया है, ताकि विद्यार्थी इसे सरलता से समझ सके.
Sam Chaturbhuj का क्षेत्रफल
रोम्बस का क्षेत्रफल दो-आयामी विमाए द्वारा घिरा हुआ क्षेत्र है, जिसे ज्ञात करने के लिए Sam Chaturbhuj के विकर्ण के गुणनफल में दो से भाग किया किया जाता है. जैसे;
सम चतुर्भुज का क्षेत्रफल = (पहला विकर्ण × दूसरा विकर्ण) / 2
अर्थात क्षेत्रफल, A = (d1 × d2)/2 वर्ग इकाई
सम चतुर्भुज का परिमाप
रोम्बस की परिमाप भुजाओं की कुल लंबाई है. अर्थात, समचतुर्भुज के सभी चार भुजाओं का योग ही Rhombus का परिमाप होता है.
परिमाप = विषमकोण समचतुर्भुज के चारों भुजाओं का योग
अर्थात, सम चतुर्भुज का परिमाप, P = 4 × a
जहाँ a Rhombus के प्रत्येक भुजा की लम्बाई है.
सम चतुर्भुज का गुणधर्म
- रोम्बस के सभी भुजाएँ समान होती हैं.
- सम चतुर्भुज के विपरीत भुजाएँ भी समानांतर हैं.
- विपरीत कोण बराबर होते हैं.
- दो आसन्न कोणों का योग 180 डिग्री के बराबर होता है.
- एक समभुज में, विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर काटते हैं।
- विकर्ण एक दुसरें को समद्विभाग करते है.
- एक समभुज के दो विकर्ण चार समकोण त्रिभुज बनाते हैं.
- सम चतुर्भुज के चारों ओर, कोई भी वृत्तखंड नहीं हो सकता है.
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महत्वपूर्ण तथ्य
Sam Chaturbhuj के नियम के अनुसार, जब छोटा विकर्ण एक सम चतुर्भुज के एक किनारे के बराबर होता है, तो दो सर्वांगसम समबाहु त्रिभुज बनते हैं. इस चतुर्भुज के विकर्ण एक दुसरें के बराबर नही होते है.
ऐसे सभी नियम, गुणधर्म में दिया गया है, जो चतुर्भुज से सम्बंधित प्रश्न हल करने में मदद करता है. उम्मीद है यह पोस्ट आपको पसंद आएगा.
अक्सर पूछे जाने वाला सामन्य प्रश्न FAQs
Q. समचतुर्भुज का क्षेत्रफल सूत्र क्या होता है?
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल सूत्र A = (d1 × d2)/2 वर्ग इकाई होता है.
Q. समचतुर्भुज का विकर्ण सूत्र क्या होता है?
समचतुर्भुज का विकर्ण सूत्र p = (2 × क्षेत्रफल)/q होता है