Prakritik Sankhya गणित का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसका खोज भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ. इस संख्या का खोज वस्तुओं की संख्या को इंगित करने एवं गणनाओं के समाधान के लिए किया गया. यह संख्या दैनिक जीवन के साथ-साथ गणित, विज्ञान, खगोलशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान, आदि क्षेत्रों में भी प्रयोग किया जाता है.
भारतीय गणित में Prakritik Sankhya का महत्व सबसे अधिक इसलिए है क्योंकि यह लगभग प्रत्येक कार्य में प्रयोग होता है जिससे गणितीय गणना सरल एवं सटीक होता है. इस संख्या से सम्बंधित फार्मूला, गुण एवं अन्य महत्वपूर्ण तथ्य मौजूद है जिसका विवरण यहाँ दिया गया है.
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प्राकृतिक संख्या किसे कहते है?
गणित में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, …… ∞ (जिसका कोई अंत नही) तक की संख्या को प्राकृत संख्या कहते है. ये संख्याएँ गणितीय गणना करने अथवा संख्याओं को एक क्रम में व्यस्थित करने में प्रयोग की जाती है. इसका अध्ययन मुख्यतः संख्या पद्धति अर्थात अंकगणित में किया जाता है जो संख्याओं को एक परिभाषा के अनुरूप वर्णित करता है.
प्राकृत संख्या की परिभाषा: गिनती यानि गणना की संख्या अथवा शून्य से बड़े पूर्णांक को प्राकृत संख्या कहते है. इसे उपयोगिता के आधार धनपूर्णांक संख्या भी कहा जाता है. वही इतिहास के आधार पर इसे हिन्दू अरबी संख्या भी कहा जाता है. क्योंकि इस नाम से सम्बन्धित कम्पटीशन एग्जाम में प्रश्न भी पूछे जाते है.
जैसे; प्रथम 20 हिन्दू अरबी संख्याओं का औसत निकालें?
प्राकृतिक संख्या एक प्रकार का पूर्णांक है जो 0 से बड़ा अर्थात 1 से शुरू होता है जो लगातार अनंत तक बढ़ता रहता है. इसे सामान्यतः N से सूचित किया जाता है.
प्राकृतिक संख्याओं का फार्मूला
- प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
- लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्या का योग = (n/2+1)
- प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत = n+1
- प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत = n
- लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
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प्राकृत संख्या सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- प्राचीन इतिहास के आधार पर इसे हिंदी अरबी संख्या कहा जाता है.
- समुच्च में शून्य को प्राकृत संख्या माना जाता है.
- प्राकृत संख्या संख्या पद्धति का एक भाग है.
- इसे N द्वारा सूचित किया जाता है.
- प्राकृतिक संख्या = 0 < N ≤ 1
- समुच्चय में N0 = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, ……) द्वारा सूचित किया जाता है.
- इस संख्या में 1 इकाई की लगातार बढ़त होती रहती है.
सर्वाधिक पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs
1. सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कौन-सी है?
उत्तर:- प्राकृत संख्या 1 से अनंत तक होती है जिसमे सबसे छोटी संख्या ज्ञात करना संभव है किंतु बड़ी संख्या मुस्किल है. यदि कोई संख्या दिया हो, तो बड़ी संख्या ज्ञात किया जा सकता है. अतः सबसे बड़ी Prakritik Sankhya स्वं अनंत होता है.
2. सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?
उत्तर:- प्राकृत संख्या 0 से बड़ी और 1 से शुरू होती है. अर्थात, सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 होता है.
3. 0 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है?
उत्तर:- वास्तव में, 0 से छोटी कोई संख्या नही होती है. क्योंकि, प्राकृत संख्या तो 1 से शुरू ही होती है.
4. क्या सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या है?
उत्तर:- 0 से अनंत तक की सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है. अर्थात, सभी धनात्मक प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या होती है.
5. क्या कोई ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नहीं है?
उत्तर:- हाँ, 0 एक ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नही है. क्योंकि, प्राकृत संख्या 1 से शुरू होती है.