गणित के सूत्र कक्षा 10 सामान्य रूप से सर्वाधिक प्रयोग होता हैं. क्योंकि यह मैथ्स का मुख्य आधार है. इसके बिना गणित का कोई भी प्रश्न सरलता से हल नही हो सकता है. उच्च-स्तरीय एग्जाम अवधारणाओं के लिए गणित के सूत्र कक्षा 10 एक आधार बनाते हैं, जो लगभग प्रत्येक एग्जाम में प्रयोग होता है.
इंजीनियरिंग, चिकित्सा, वाणिज्य, कंप्यूटर विज्ञान, इत्यादि जैसे विभिन्न उच्च शिक्षा क्षेत्रों में गणित के सूत्र का योगदान सबसे महत्वपूर्ण हैं. गणित सिक्षा का सबसे अहम विषय है. क्योंकि शिक्षक मानते है कि मैथ्स के बिना प्राइमरी शिक्षा का कोई उदेश्य नही है. इसलिए उच्तम शिक्षा के लिए 10वी गणित का फार्मूला पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना अनिवार्य है.
कक्षा 10 के गणित के फार्मूले में वास्तविक संख्या, बहुपद, द्विघात समीकरण, समनांतर श्रेणी, निर्देशांक ज्यामिति, त्रिकोणमिति, क्षेत्रमिति, सांख्यिकी, प्रायिकता आदि से संबंधित सूत्र शामिल हैं. ये ऐसे टॉपिक है जो प्रत्येक बोर्ड और कम्पटीशन एग्जाम प्रयुक्त में होते है. अतः इन्हें स्मरण रखे.
सभी कक्षा 10 के गणित के सूत्र
मैथ फार्मूला class 10 का प्रयोग गणितीय प्रशों को सरलता से हल करने के लिए होता है. लेकिन कौन सा फार्मूला कहा प्रयोग होना है. ये पता करना थोडा मुश्किल होता है. लेकिन यहाँ क्लास 10 गणित के सभी फार्मूला चैप्टर के अनुसार नियमबद्ध तरीके से दिया है. जो गणितीय फार्मूला के प्रयोग को असान बनता है.
1. वास्तविक संख्याये | 2. बहुपद |
3. दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म | 4. द्विघात समीकरण |
5. समांतर श्रेणियां | 6. त्रिभुज |
7. निर्देशांक ज्यामिति | 8. त्रिकोणमिति का परिचय |
9. त्रिकोणमिति के अनुप्रयोग | 10. वृत |
11. रचनायें | 12. वृत्तों से सम्बंधित क्षेत्रफल |
13. पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन | 14. सांख्यिकी |
15. प्रायिकता |
class 10 के सभी फार्मूला को चैप्टर के अनुसार निचे दिया है, जिसे याद करना एवं प्रयोग करना बेहद सरल है.
वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
क्लास 10 के गणित चैप्टर में वास्तविक संख्याएँ सबसे पहली इकाई है, जिसमे विभिन्न प्रकार के फार्मूला का प्रयोग होता है. जो इस प्रकार है.
परिमेय संख्या: वह संख्या जो p/q के रूप में लिखा जा सकता है, उसे परिमेय संख्या कहते है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
अर्थात p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो. जैसे:- 4, 1.77 , 0 , 2/3 आदि.
अपरिमेय संख्या: वह संख्या जिसे p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है, वह अपरिमेय संख्या कहलाती है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
जैसे – √2, 5 + √3 , √2 , 5 1/3 , π ….. आदि.
HCF और LCM के सूत्र
- ल.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ HCF
- ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या
- पहली संख्या = (LCM × HCF) ÷ दूसरी संख्या
- म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) ÷ LCM
- दूसरी संख्या = (LCM × HCF) ÷ पहली संख्या
युक्लिड विभाज प्रमेयिका:
दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए हो, तो ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q और r विधमान होंगे कि a = bq + r हो. जहाँ 0 ≤ r < b है.
क्लास 10 बहुपद फार्मूला (Polynomial)
रैखिक बहुपद:
p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 हो,
तो p(x) का शून्ययक एक होता है. – b / a = – (अचर पद) / (x का गुणांक)
द्विघात बहुपद:
p(x) = ax2 + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक दो होती है उन्हें ग्रीक अक्षर α (अल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता है.
- शून्यक (α, β) = – b ± √(b – 4ac) / 2a
- शून्यको का योगफल (α + β) = – b / a = अचर / (x का गुणांक)
- शून्यको का गुणनफल = c / a = अचर / (x का गुणांक)
- ax2 + bx + c = (α – x) (β – x)
बहुपद फार्मूला से सम्बंधित अधिक जानकरी, यहाँ प्राप्त करे.
त्रिघात बहुपद:
P(x) = ax3 + bx2 + cx + d, a ≠ 0 के तिन शुन्यक होते है, जिन्हें क्रमशः α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) से व्यक्त किया जाता है.
- α + β + γ = -b / a = x2 का गुणांक / x3 का गुणांक
- αβ + βγ + γα = c / a = xका गुणांक / x3 का गुणांक
- αβγ = अचर पद / x3 का गुणांक
दो चार वाले रैखिक समीकरण
किसी समीकरण में उपस्थित दो चर, दो चर वाले रैखिक समीकरण कहलाते है. यदि और केवल यदि;
ax + by + c = 0 जहाँ a ≠ 0, b ≠ 0
a, b, c अचर तथा x, y चर हो.
- रैखिक समीकरण का लेखाचित्र एक सरल रेखा में होती है.
- x = c जहाँ c = अचर है, का आलेख y-अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा होती है.
- y = c जहाँ c = अचर है, का आलेख x-अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा होती है.
- x = 0 का आलेख y-अक्ष है.
- y = 0 का आलेख x-अक्ष है.
रैखिक समीकरण का हल विधि
- विलोपन विधि
- प्रतिस्थापन विधि
- बज्रगुणनखंड विधि
- ग्राफ़िक या आलेखी विधि
- तुलनात्मक विधि
द्विघात समीकरण (Quadratic Equation)
चर x में समीकरण ax2+bx+c=0 के प्रकार को एक द्विघात समीकरण कहते हैं. जहाँ a ≠ 0, a, b और c अचर राशियाँ हो.
मूलों की प्रकृति
समीकरण ax2 + bx + c = 0 का यदि विविक्तकर b2 − 4ac > 0 हो, तो समीकरण के दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं.\
द्विघात समीकरण = [-b ± √(b2 – 4ac)]/2a
- समीकरण b2 − 4ac = 0 हो, तो मूल वास्तविक और सामान होगा.
- b2 − 4ac < 0 हो, तो मूल काल्पनिक होगा.
- b2 − 4ac > 0 हो, तो मूल वास्तविक और असमान होगा.
मूलों का योगफल (α + β) = – b / a = – x का गुणांक / (x2 का गुणांक)
मूलों का गुणनफल (α . β) = c / a = अचर / (x2 का गुणांक)
द्विघात समीकरण x2 – (α + β) x + (α . β) = 0 होता है.
Quadratic फार्मूला = α = – b + √(b2 – 4ac) / 2a तथा β = – b – √(b2 – 4ac) / 2a
अंकगणित के महत्वपूर्ण फार्मूला
- (a+b)2 = a2 + b2 + 2ab
- (a-b)2 = a2 + b2 – 2ab
- (a+b) (a-b) = a2 – b2
- (x + a)(x + b) = x2 + (a + b)x + ab
- (x + a)(x – b) = x2 + (a – b)x – ab
- (x – a)(x + b) = x2 + (b – a)x – ab
- (x – a)(x – b) = x2 – (a + b)x + ab
- (a + b)3 = a3 + b3 + 3ab(a + b)
- (a – b)3 = a3 – b3 – 3ab(a – b)
- (x + y + z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy + 2yz + 2xz
- (x + y – z)2 = x2 + y2 + z2 + 2xy – 2yz – 2xz
- (x – y + z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy – 2yz + 2xz
- (x – y – z)2 = x2 + y2 + z2 – 2xy + 2yz – 2xz
- x3 + y3 + z3 – 3xyz = (x + y + z)(x2 + y2 + z2 – xy – yz -xz)
- x2 + y2 =½ [(x + y)2 + (x – y)2]
- (x + a) (x + b) (x + c) = x3 + (a + b +c)x2 + (ab + bc + ca)x + abc
- x3 + y3= (x + y) (x2 – xy + y2)
- x3 – y3 = (x – y) (x2 + xy + y2)
- x2 + y2 + z2 -xy – yz – zx = ½ [(x-y)2 + (y-z)2 + (z-x)2]
घाट और घातांक से सम्बंधित फार्मूला
- pm x pn = pm+n
- {pm}⁄{pn} = pm-n
- (pm)n = pmn
- p-m = 1/pm
- p1 = p
- P0 = 1
ऐसे फार्मूला का प्रयोग क्लास 10 के अतिरिक्त लगभग प्रत्येक कक्षा में होता है. अतः इन्हें स्मरण रखें.
समनांतर श्रेढ़ी
समान्तर श्रेढ़ी एक ऐसा अनुक्रम या श्रेणी है जिसमे प्रथम पद के अतिरिक्त प्रत्येक पद उससे पूर्व पद में एक निश्चित संख्या जोड़ने या घटाने पर प्राप्त होता है. जैसे; a1, a2, a3, a4, a5, a6……an
AP के प्रथम पद को a1, दुसरे पद को a2, …… nवें पद को an तथा सार्व अंतर को d से व्यक्त करते है.
प्रथम पद में d जोड़कर AP प्राप्त किया जा सकता है. जैसे:- a, a + d, a + 2d, a + 3d,….. आदि.
nवाँ पद, an = a – (n-1)d
A.P के प्रथम nपदों का योग
sn = n/2(2a + (n-1)d)
अर्थात sn = n/2(a + an) या sn = n/2(a + l), जहाँ, a = प्रथम पद, l अंतिम पद है.
निर्देशांक ज्यामिति (Co-Ordinate Geometry)
ज्यामितिय शाखाओं का वह समूह है, जहां निर्देशांक का उपयोग करके एक बिंदु की स्थिति को परिभाषित किया जाता है, वह निर्देशांक ज्यामिति कहलाता है. निर्देशांक की बिंदु ज्ञात करने के लिए निम्न फार्मूला का प्रयोग किया जाता है.
चतुर्थांश का चिन्ह
- प्रथम पाद = ( +, + )
- द्वितीय पाद = ( -, + )
- तृतीय पाद = ( -, – )
- चतुर्थ पाद = ( +, – )
दुरी सूत्र = √[(x2–x1)² + (y2–y1)²]
मध्य बिंदु का सूत्र = [ ( x1 + x2 )/2 , ( y1 + y2 )/2]
विभाजन सूत्र | x = (m × x2 + n × x1) /m+n | y = (m × y2 + n × y1) /m+n |
∆ABC का क्षेत्रफल | 1/2[x1(y2–y3) + x2(y3–y1) + x3(y1–y2)] |
त्रिकोणमिति फार्मूला
समकोण त्रिभुज के तीनों भुजाओं एवं कोणों का अध्ययन त्रिकोणमिति में किया जाता है. जिसमे सबसे बड़ी भुजा कर्ण, 90 डिग्री के सामाने खड़ी भुजा लम्ब और शेष भुजा आधार कहलाती है. त्रिकोणमिति का फार्मूला सबसे अधिक क्लास 10 में प्रयोग होता है. इसलिए, Maths Formula for Class 10 से सम्बंधित सभी फार्मूला का अध्ययन आवश्यक है.
Sin θ | लम्ब / कर्ण | = p / h |
Cos θ | आधार / कर्ण | = b / h |
Tan θ | लम्ब / आधार | = p / b |
Cot θ | आधार / लम्ब | = b / p |
Sec θ | कर्ण / आधार | = h / b |
Cosec θ | कर्ण / लम्ब | = h / p |
त्रिकोणमितिय अनुपातो के बिच सम्बन्ध
- sinθ × Cosecθ = 1
- sinθ = 1 / Cosecθ
- Cosecθ = 1 / sinθ
- Cosθ × Secθ = 1
- Cosθ = 1 / Secθ
- Secθ = 1 / Cosθ
- Tanθ × Cotθ = 1
- Tanθ = 1 / Cotθ
- Cotθ = 1 / Tanθ
- Tanθ = sinθ / Cosθ
- Cotθ = Cosθ / sinθ
0°, 30°, 45°, 60° और 90° के त्रिकोणमितिय Table
संकेत | 0° | 30° = π/6 | 45° = π/4 | 60° = π/3 | 90° = π/2 |
ट्रिक्स | √(0/4) | √(1/4) | √(2/4) | √(3/4) | √(4/4) |
Sin θ | 0 | ½ | 1/√2 | √3/2 | 1 |
Cos θ | 1 | √3/2 | 1/√2 | ½ | 0 |
Tan θ | 0 | 1/√3 | 1 | √3 | अपरिभाषित |
Cot θ | अपरिभाषित | √3 | 1 | 1/√3 | 0 |
Sec θ | 1 | 2/√3 | √2 | 2 | अपरिभाषित |
Cosec θ | अपरिभाषित | 2 | √2 | 2/√3 | 1 |
अन्य त्रिकोणमितिय फार्मूला
- sin (90° – θ) = cos θ
- cos (90° – θ) = sin θ
- tan (90° – θ) = cot θ
- cosec (90° – θ) = sec θ
- sec (90° – θ) = cosec θ
- cot (90° – θ) = tan θ
- sin2θ + cos2 θ = 1
- sec2 θ = 1 + tan2θ
- Cosec2 θ = 1 + cot2
क्लास 10 क्षेत्रमिति फार्मूला
क्षेत्रमिति से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण सूत्रों का लिस्ट यहाँ उपलब्ध है. जिसका प्रयोग क्लास 10 गणित होता है.
वृत्त का क्षेत्रफल | πr2 या πd2/4 |
वृत्त की त्रिज्या, r | √(क्षेत्रफल / π) |
वृताकार वलय का क्षेत्रफल | π (R2 – r2) |
अर्द्धवृत्त की परिधि | ( π r + 2 r ) |
अर्द्धवृत्त का क्षेत्रफल | 1/2πr² |
त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल | θ/360° × πr² |
चाप की लम्बाई | θ/360° × 2πr |
त्रिज्याखण्ड की परिमिति | 2r + πrθ/180° |
वृतखण्ड का क्षेत्रफल | (πθ/360° – 1/2 sinθ)r² |
बेलन का आयतन | πr2h |
बेलन का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल | 2πrh |
बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल | 2πr ( h + r ) |
शंकु का आयतन | 1/3 πr2h |
शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल | πrl |
शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल | πr ( l + r ) |
गोले का वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल | 4πr2 |
गोला का आयतन | 4/3 πr3 |
गोलीय शेल का आयतन | 4/3 π ( R3 – r3 ) |
समबाहु त्रिभुजा का क्षेत्रफल | (√3)/4 × भुजा2 |
समद्विबाहु त्रिभुज का शीर्षलम्ब | a / 4 b √ (4b² – a²) |
समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल | A = ½ × आधार × ऊँचाई |
घन का आयतन | भुजा × भुजा × भुजा = a3 |
घन का परिमाप | 4 a² |
आयत का परिमाप | 2(लम्बाई + चौड़ाई) |
आयत का विकर्ण | √(लंबाई² + चौड़ाई²) |
वर्ग की परिमाप | 4 × a |
वर्ग का क्षेत्रफल | (भुजा × भुजा) = a² |
वर्ग का विकर्ण | एक भुजा × √2 = a × √2 |
आयत का क्षेत्रफल | लंबाई ×चौड़ाई |
सांख्यिकी फार्मूला (Statistic)
गणित की वह शाखा, जिसमे आँकड़ों के संग्रह प्रस्तुतीकरण और विश्लेषण पर आँकड़े से अर्थ पूर्ण निष्कर्ष नकालने के सम्बन्ध में अध्ययन किया जाता है, उसे सांख्यिकी किया जाता है. ये क्लास 10 के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण फार्मूला है. इस टॉपिक से बोर्ड एग्जाम 10% तक प्रश्न होता है. इसलिए, Maths Formula for Class 10 यानि गणित के सूत्र class 10 को स्मरण रखने का प्रयोस करे.
मध्यिका फार्मूला = (l + n/2 – CF) / f × h
जहाँ
l = मध्यक वर्ग की निम्नसीमा
n = प्रेक्षकों की संख्या
CF = मध्यक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग की संचयी बारंबारता
f = मध्यक वर्ग की बारंबारता
h = वर्गमाप
बहुलक = l + (f1 – f0 ) / ( 2 f1 – f0 – f2 ) × h
जहाँ
- l = बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
- f0 = बहुलक वर्ग से ठीक पहले वाले वर्ग की बारंबारता
- और f1 = बहुलक वर्ग की बारंबारता
- f2 = बहुलक वर्ग के ठीक बाद आनेवाले वर्ग की बारंबारता
- h = बहुलक वर्ग के अंतराल का अंतर
माध्य = ∑x / n
अर्थात, माध्य = अवलोकन का कुल योग / अवलोकन की कुल संख्या
प्रायिकता फार्मूला (Probability)
- P(A) + P(A’) = 1, जहाँ A कोई घटना हैं तथा A’ इसकी पूरक घटना हैं.
- घटना के अनुकूल संयोगानुपात E = P(E) : P(E’)
- घटना के प्रतिकूल संयोगानुपात E = P(E’) : P(E)
- यदि घटना के अनुकूल संयोगानुपात = a : b
तो P(E) = a/(a +b) - यदि घटना E का प्रतिकूल संयोगानुपात = a : b
तो P(E) = b/(a + b) - P(E) + P(E’) = 1
- यदि किसी प्रतिदर्श समष्टि S में A, B तथा C तीन घटनाएं हो, तो
P(A∪B∪C) = P(A) + P(B) + P(C) – P(A∩B) – P(B∩C) – (A∩C) + P(A∩B∩C)
क्लास 10 गणित फार्मूला के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य
दसवी का एग्जाम सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि विद्यार्थियों के लिए यह पहली बोर्ड एग्जाम होती है. इसलिए, इसमें बेहतर मार्क्स प्राप्त करना अनिवार्य होता है. मैथ्स सभी विषयों में सर्वश्रेष्ठ है. क्योंकि यह भविष्य का प्लान निर्धारित करता है. इसलिए, विशेषज्ञ क्लास 10 मैथ्स फार्मूला पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के लिए परामर्श देते है.
Maths Formula for Class 10 in Hindi का उदेश्य केवल बोर्ड एग्जाम ही पास कराना नही है बल्कि ये उच्च शिक्षा जैसे क्लास 12, प्रतियोगिता एक्साम्स आदि में भी सहायता करता है. इसी उदेश्य को पूरा करने के लिए क्लास 10 मैथ्स के सभी फार्मूला यहाँ उपलब्ध कराया गया है ताकि विद्यार्थी एग्जाम में बेहतर प्रदर्शन कर सके.
अन्य गणितीय महत्वपूर्ण फार्मूला