मैट्रिक्स का सारणिक एक संख्या है जो विशेष रूप से केवल वर्ग मैट्रिक्स के लिए ही परिभाषित है. सारणिक का उपयोग इंजीनियरिंग, विज्ञान, अर्थशास्त्र, सामाजिक विज्ञान आदि जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक अनुप्रयोग के लिए किया जाता हैं. हालांकि, Determinant Formula का प्रयोग ज्यामितीय त्रिभुज के क्षेत्रफल निकालने के लिए भी होता है जो यह इसका विशेष नियम है.
सामान्यतः 12th में सारणिक का अध्ययन केवल 2 और 3 कोटि आव्युहों के साथ किया जाता है. जिसमे विभीन्न प्रकार के फार्मूला एवं गुणधर्म का समावेश होता है. यहाँ सारणिक के सभी फार्मूला उपलब्ध होंगे जो क्लास 12 के तैयारी में मदद कर सकते है.
सारणिक की परिभाषा
प्रत्येक वर्ग आव्यूह के संगत एक संख्या होता है जो वर्ग मैट्रिक्स का सारणिक कहलाता है तथा जिसे साधारणतः |A| या det A से सूचित किया जाता है.
दुसरें शब्दों में, सारणिक एक प्रकार का बीजीय व्यंजक है जिसमें प्रयुक्त की गई राशियों अथवा अवयवों की संख्या वर्ग मैट्रिक्स होती है.
Note:-
- सिर्फ वर्ग मैट्रिक्स के सारणिक होते है.
- सारणिक को |A| द्वारा सूचित किया जाता है.
- |A| केवल सारणिक का संकेत है मापांक का नही.
- जो मैट्रिक्स वर्ग मैट्रिक्स नही है उसका सारणिक नही होता है, क्योंकि सारणिक में जितने पंक्ति होते है उतने ही स्तम्भ होते होते है.
- सारणिक को किसी row या column के अनुदिश विस्तार करने पर इसका मान नही बदलता है.
- कोटि 3 के सारणिक में 3 कतार तथा 3 स्तम्भ होते है और कुल अवयवों की संख्या 9 होता है.
3 कोटि के वर्ग मैट्रिक्स का सारणिक फार्मूला
यदि कोई वर्ग मैट्रिक्स 3 × 3 का हो, तो उसका सारणिक निम्न प्रकार से निकाला जाता है.
जैसे एक सारणिक = a11 ( a22 a33 – a32 a23 ) – a12 ( a21 a33 – a31 a23 ) + a13 ( a21 a32 – a31 a22 )
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सारणिक के चिन्ह का नियम
किसी भी अवयव का चिन्ह निकलना हो, तो पंक्ति या स्तम्भ का कोई एक अवयव ले और उसी संख्या का योगफल निकालें, यदि वह योगफल एक सम संख्या है, तो उस अवयव के पहले (+) चिन्ह दे और यदि योगफल एक विषम संख्या हो, तो अवयव के पहले ( – ) चिन्ह दें. जैसे;
सामान्यतः Determinant Formula का पहला अवयव a11 है अतः इसके संख्याओं का योग 1 + 1 = 2 यानि सम संख्या है. अर्थात, a11 के पहले ( + ) होगा. इसी प्रकार अन्य अवयव का भी चिन्ह निकला जा सकता है.
उपसारणिक और सहखण्ड | Minors And Co-Factor
सारणिक A के अवयव a11 जिस row और जिस column में है उस row और या column को हटाने के बाद प्राप्त सारणिक अर्थात (a22 a33 – a32 a23) का उप-सारणिक कहते है. इसे M द्वारा सूचित किया जाता है.
a11 के उप-सारणिक के पहले a11 के स्थान चिन्ह के अनुसार धन या ऋण चिन्ह देने पर प्राप्त सारणिक सहखण्ड कहलाता है.
ऊपर दिए फिगर के अनुसार, a11 का सहखण्ड = (–1)1+1 (a22 a33 – a32 a23) = + (a22 a33 – a32 a23)
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सारणिक का महत्वपूर्ण संकेत | Determinant Symbols in Hindi
किसी सारणिक की पहली, दूसरी एवं तीसरी पंक्ति को क्रमशः R1, R2, एवं R3 द्वारा सूचित करते है तथा स्तम्भों को क्रमशः C1, C2, एवं C3 से सूचित करते है.
- i वी पंक्ति तथा j वी पंक्ति का परस्पर परिवर्तन Ri ↔ Rj द्वारा सूचित करते है.
- j वे स्तम्भ तथा j वे स्तम्भ का परस्पर बदलाव Ci ↔ Cj द्वारा सूचित होता है.
- j वी पनकी के अवयवों को k से गुणा करने पर i वी पंक्ति के संगत अवयवों में योग को Ri → Ri + k Rj से सूचित करते है.
- इसी प्रकार column के किसी भी अवयव को किसी भी संख्या से गुणा या जोड़ करते है, तो Ci → Ci + k Cj आदि से सूचित करते है.
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सारणिक के गुणधर्म
वर्ग आव्यूह के सारणिक के गुण प्रश्नों को हल करने में अत्यधिक मदद करता है. शिक्षक के अनुसार, गुणधर्म सबसे महत्वपूर्ण Determinant Formula में एक है. अतः इसे स्मरण रखना अनिवार्य है.
Property 1.
किसी सारणिक के पंक्तियों को संगत स्तम्भों में बदलने पर सारणिक का मान नही बदलता है.
Property 2.
किसी सारणिक का मान शून्य होता है यदि इसका कोई दो पंक्ति या स्तम्भ समान हो.
Property 3.
सारणिक के किसी पंक्ति या स्तम्भ में कोई गुणनखंड उभयनिष्ठ हो, तो उसे सारणिक से बहार ले सकते है. या यूँ कहे कि, सारणिक के किसी पंक्ति या स्तम्भ के सभी अवयवों को किसी राशी या व्यंजक से गुना किया जाए तो सारणिक में उसी राशि या व्यंजक से गुणा हो जाता है.
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Property 4.
यदि सारणिक के किसी स्तम्भ या पंक्ति का प्रत्येक अवयव दो या से अधिक राशियों का योग हो, तो वह सारणिक उसी क्रम में दो या दो से अधिक सारणिक के योग के बराबर होता है.
Property 5.
किसी सारणिक के किसी पंक्ति या स्तम्भ में किसी संख्या या व्यंजक से गुणा कर उसे दुसरें पंक्ति या स्तम्भ में जोड़ने या घटाने से सारणिक का मान नही बदलता है.
Property 6.
किसी सारणिक का मान शून्य होता है यदि इसके किसी पंक्ति या स्तम्भ के सभी अवयव शून्य हो.
Property 7.
यदि सारणिक की दो पंक्तियों या स्तम्भों के अवयव समानुपाती है, तो सारणिक का मान शून्य होता है.
Property 8.
यदि सारणिक की आव्यूह A = [aij], n कोटि का विकर्ण आव्यूह हो, तो |A| = a11, a12 …… ann = विकर्ण के अवयवों का गुणनफल होता है.
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Property 9.
यदि आव्यूह A = [aij]m x n तथा k कोई अदिश है, तो |kA| = kn |A| होता है.
Property 10.
यदि A और B समान कोटि के दो वर्ग आव्यूह है, तो |AB| = |A| |B| होता है.
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सारणिक का अनुप्रयोग
त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए सारणिक का प्रयोग किया जाता है जहाँ त्रिभुज का शीर्ष A (x1, y1) , B (x2, y2) और C (x3, y3) होते है.
इसलिए, त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2[x1(y2–y3) + x2(y3–y1) + x3(y1–y2)]
Note;-
क्षेत्रफल हमेशा धनात्मक होता है
त्रिभुज के तीनों बिन्दुएँ संरेखी होगी यदि और केवल यदि 1/2[x1(y2–y3) + x2(y3–y1) + x3(y1–y2)] = 0 हो.
महत्वपूर्ण तथ्य
सारणिक में और भी महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसका अध्ययन प्रैक्टिस के मध्ययम से करना सबसे उत्तम होता है. इलसी, सारणिक के रैखिक समीकरण के निकाय हल यहाँ नही दिया गया है. Determinant Formula के साथ जितना प्रैक्टिस किया जाएगा ये उतना ही जल्दी याद होगा. अतः प्रशों के साथ प्रयास अधिक करे.