गणितीय गणना का महत्व व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ अकादमिक शिक्षा, बोर्ड परीक्षा, प्रतियोगिता परीक्षा आदि में विशेष है. Sarvsamika Formula का विस्तार एवं उत्पत्ति बिजिय समीकरण, गणना आदि को शुक्ष्म रूप से करने के लिए किया गया, जो लगभग प्रत्येक तरह के गणना में शामिल है.
मैथमेटिक्स, विज्ञान की वह शाखा है जो पूरी तरह गणनाओं पर आधारित है और गणना सरल एवं शुक्ष्म करने के लिए विभिन्न प्रकार के फार्मूला का प्रयोग होता है. Algebraic Identities यानि सर्वसमिका का प्रयोग, बहुपद, समीकरण, त्रिकोणमिति, क्षेत्रमिति, आदि जैसे क्षेत्रों में कैलकुलेशन को सरल करने के लिए होता है.
क्लास चाहे कोई भी हो बिना गणना के कोई भी गणितीय प्रश्न हल नही किया जा सकता है और Algebraic Identities अर्थात सर्वसमिका गणित का मुख्य आधार है. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वसमिका का अध्ययन महत्वपूर्ण हो जाता है. और शिक्षक भी सर्वसमिका फार्मूला ध्यान पूर्वक अध्ययन करने के लिए प्रेरित करते है. क्योंकि उन्हें ज्ञात है कि यह टॉपिक गणित के लिए कितना आवश्यक है.
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सर्वसमिका किसे कहते है?
जब किसी बिजिय समीकरण को किसी विशेष ( फार्मूला ) नियम के अनुसार सजाया जाता है, तो उसे बीजीय सर्वसमिकाएँ कहते है. सामान्यतः बीजीय समीकरण चरों के सभी मानों के लिए सत्य होते हैं, इसलिए इनका उपयोग बहुपदों के गुणनखंडन आदि को हल करने के लिए भी किया जाता है
बीजीय सर्वसमिकाओं का प्रयोग बीजीय व्यंजकों की गणना और विभिन्न प्रकार के बहुपदों, समीकरणों आदि को हल करने में किया जाता है. कुछ ऐसे भी सर्वसमिकाएँ है जिसे जूनियर क्लास से ही अध्ययन कराया जाता है, जिसमे सबसे विशेष (a + b)2 है.
लेकिन यहाँ कुछ विशेष सर्वसमिकाएँ के विषय में अध्ययन करेंगे जो बोर्ड एग्जाम एवं प्रतियोगिता एग्जाम दोनों में प्रयोग किए जाते है. ये Algebraic Identities प्रश्न को बहुत शुक्ष्म एवं कम समय में हल करने की अनुभव प्रदान करते है.
बीजीय सर्वसमिकाओं का लिस्ट | Sarvsamika Formula
दरअसल सभी सर्वसमिकाएँ निम्न प्रकार के रूप में होते है.
( x + y )n = nC 0 . xn. y0 +nC 1 . xn−1 . y1 +……..+nC n−1 . x1 . yn−1 + nC n . x0 . yn
ऊपर दिए Standard फॉर्म के मदद से अलग-अलग रूप में सर्वसमिकाओं को सरलता से वर्गीकृत करते है जो गणितीय गणना करने में सहायता करता है.
Identity 1: (a + b)2 = a2 + 2ab + b2
Proof: (a + b)2 = (a + b) (a + b)
= a ( a + b ) + b (a + b)
=> a2 + ab + ab + b2
= a2 + 2ab + b2 proved.
Identity 2: (a – b)2 = a2 – 2ab + b2
Proof: (a – b)2 = (a − b) (a − b)
= a ( a − b ) − b (a − b)
=> a2 – ab – ab + b2
= a2 – 2ab + b2. Proved.
Identity 3: a2 – b2 = (a – b)(a + b)
Proof: a2 – b2 = a2 – ab – ab + b2
= a ( a − b) + b (a − b)
=> (a + b) (a − b)
अतः a2 – b2 = (a – b)(a + b) Proved.
Identity 4: (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2ac + 2bc
Proof: (a + b + c)2 = (a + b + c) (a + b + c)
= a (a + b + c) + b (a + b + c) + c (a + b + c)
=> a2 + ab + ac + ab + b2 + bc + ac + bc + c2
a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca
Hence, (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2ac + 2bc Proved.
Identity 5: (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3
Proof: (a + b)3 = (a + b) (a + b)2
= (a + b) (a2 + 2ab + b2)
=> a (a2 + 2ab + b2) + b (a2 + 2ab + b2)
= a3 + 2a2b + ab2 + a2b + 2ab2 + b3
अत: (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3 Proved.
Identity 6: a3 + b3 = (a + b)(a2 – ab + b2)
Proof: (a + b)3 = a3 + b3 + 3 ab (a + b)
Hence = a3 + b3 = (a + b)3 – 3 ab (a + b)
=> ( a + b ) [ (a + b)2 – 3ab ]
= ( a + b ) ( a2 + 2ab + b2 – 3ab )
अतः: a3 + b3 = (a + b)(a2 – ab + b2) Proved.
Identity 7: (a – b)3 = a3 – b3 – 3a2b + 3ab2
Proof: (a – b)3 = (a – b) (a – b)2
= (a – b) (a2 – 2ab + b2)
=> a (a2 – 2ab + b2) – b (a2 – 2ab + b2)
= a3 – 2a2 b + 2ab2 – a2 b + 2ab2 – b3
इसलिए, (a – b)3 = a3 – b3 – 3a2b + 3ab2 Proved.
Identity 8: a3 – b3 = (a – b)3 + 3ab ( a – b )
Proof: a3 – b3
(a – b)3 = (a3 – b3) – 3ab ( a – b )
=> a3 – b3 = (a – b)3 + 3ab ( a – b ) Proved.
अन्य बीजीय सर्वसमिका फार्मूला
बीजीय समीकरण को हल करने के लिए उपर अंकित फार्मूला के अवला भी सर्वसमिकाएँ होती है जिनका प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है. इसलिए, वे सभी फार्मूला यहाँ दर्शाया गया है.
(a – b – c)2 = a2 + b2 + c2 – 2ab – 2ac + 2bc
a2 + b2 + c2 = (a + b + c)2 – 2 ( ab + bc + ca )
a2 + b2 + c2 = (a – b – c)2 + 2 ( ab – bc + ca )
a2 + b2 + c2 = (a – b + c)2 + 2 ( ab + bc – ca )
a3 + b3 + c3 – 3abc = a2 + b2 + c2 – ab – bc – ca
यदि a + b + c =0, तो a3 + b3 + c3 = 3abc
a ( b – c ) + b ( c – a ) + c ( a – b ) = 0
सर्वसमिका फार्मूला का उदाहरण
बीजीय सर्वसमिका को सरलता से समझने के लिए कुछ उदाहरण यहाँ उपलब्ध है जो ऊपर दिए फार्मूला पर आधारित है. उदाहरण को हल करने से फार्मूला सरलता से समझ आता है.
उदाहरण 1: सर्वसमिकाओं का प्रयोग कर ( 2x + 1) (2x + 1 ) का गुणन निकाले ?
हल: ( 2x + 1) (2x + 1 ) को ( 2x + 1)2 के रूप लिखा जा सकता है. जहाँ a = 2x और b = 1 है.
इसलिए, फार्मूला से, a2 + 2ab + b2
=> (2x)2 + 2.2x.1 + (1)2
अतः 4x2 + 4x + 1. Ans.
उदाहरण 2: (16x4 – 1) को बीजीय सर्वसमिका के रूप में हल करे.
Solution: (16x4 – 1) को ((2x)2 )2 – 12 के रूप में लिख सकते है.
फार्मूला से a2 – b2 = (a – b)(a + b)
=> ((2x)2 )2 – 12 = ( 2x)2 – 1) ( (2x)2 + 1)
= ( 4x2 + 1 ) (2x + 1 ) (2x – 1 ) ans.
उदाहरण 3: (2x – 3y)3 को सर्वसमिकाओं का प्रयोग कर करे ?
Solution: (2x – 3y)3 को सर्वसमिका के रूप में a = 2x और b = 3y लिख सकते है.
फार्मूला से, (a – b)3 = a3 – b3 – 3a2b + 3ab2
=> (2x)3 – (3y)3 – 3. (2x)2 3y + 3 . 2x (3y)2
8x3 – 27y3 – 36. x2 y + 54 . x y2 ans.
महत्वपूर्ण तथ्य
परिभाषा के अनुसार: बीजीय सर्वसमिकाएँ वह समीकरण हैं जो समीकरण के बाएँ पक्ष का मान समान रूप से समीकरण के दाएँ पक्ष के मान के बराबर होता है. लेकिन, बीजीय सर्वसमिकाएँ चरों के सभी मानों को संतुष्ट करती हैं. जिसे फार्मूला के माध्यम से प्रमाणित किया जा सकता है.
बीजीय सर्वसमिका गणितीय गणना के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण इसलिए है कि इसका प्रयोग लगभग प्रत्येक बीजीय प्रश्न को हल करने के लिए होता है. इसके सभी फार्मूला का प्रयोग बहुपद, अनुक्रम, त्रिकोणमिति, क्षेत्रमिति आदि में होता है. इसलिए, इसका अध्ययन प्रमाण के साथ आवश्यक है.
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