जज यानी न्यायाधीश देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक है. जो छात्र लॉ के क्षेत्र में रुचि रखते हैं, उन्हें एग्जाम के माध्यम से जज बनने का सुभाग्य प्राप्त होता है. भारत में जज बनना इतना भी सरल नही है. क्योंकि, इसके लिए अधिकारिक मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है. जो भी विद्यार्थी जज बनने की सपना देखते है, उन्हें उचित दिशा एवं निर्देशों के अनुरूप मेहनत करना होता है.
भारत में जज बनने की प्रक्रिया थोड़ी लम्बी है. क्योंकि, इसके लिए तीन एग्जाम क्वालीफाई करना पड़ता है. इसलिए, आप जज कैसे बने की प्रक्रिया को प्रारंभ से ही शुरू कर सकते है. 12वी के बाद एलएलबी डिग्री कोर्स करना प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आवश्यक है. अतः यहाँ जज कैसे बने के एक-एक जानकारी विस्तार से दिया गया है. यदि आप अंत पढ़ते है, तो उम्मीद है आपको पूरी जानकारी प्राप्त होगी.
जज बनने के लिए स्किल्स
देश में जज बनने या जज की तैयारी करने के लिए उम्मीदवार के पास निम्न स्किल यानि हुनर होना आवश्यक है.
- सामाजिक ज्ञान होना चाहिए.
- क्रिटिकल थिंकिंग होनी चाहिए. अर्थात, अलग-अलग सिचुएशन में सोचने की शक्ति
- तथ्यों विश्लेषण करने की स्किल्स.
- वित्तीय प्रथाओं और अवधारणाओं की समझ होनी चाहिए.
- संघर्षों को हल करने और अनुपालन सुनिश्चित करने की क्षमता होनी चाहिए.
- जजमेंट और निर्णय लेने की स्किल्स.
- समझौतों, अनुबंधों आदि जैसे कानूनी दस्तावेजों की समीक्षा करना.
- विषम परिस्तिथियों में बातचीत करने की स्किल होनी चाहिए.
जज बनने के लिए क्या करे?
जज बनने के लिए सबसे पहले बारहवीं कक्षा पास होना प्रत्येक उम्मीदवार के लिए आवश्यक है. उसके बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या यूनिवर्सिटी से एलएलबी डिग्री कोर्स करना भी अनिवार्य है. ग्रेजुएशन के बाद भी एलएलबी डिग्री कोर्स किया जा सकता है.
ध्यान दे: बारहवीं के बाद 5 वर्ष का एलएलबी डिग्री कोर्स होता है. जबकि ग्रेजुएशन के बाद तीन वर्ष का एलएलबी कोर्स होता है.
एलएलबी कोर्स पूरा करने के बाद जज की भर्ती निकलने पर आवेदन कर सकते है. ध्यान दे, प्रत्येक राज्य में जज की भर्ती अलग – अलग माध्यम से हो सकती है. कई राज्य ऐसे भी है जहाँ जज की भर्ती उच्चतम न्यायालय द्वारा तथा कुछ राज्यों में लोक सेवा आयोग न्यायाधीश के द्वारा होता है.
आवेदन करने के बाद हाई कोर्ट द्वारा आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण करना होगा. जज पद के लिए चयन होने के बाद एक साल का ट्रेनिंग और प्रशिक्षण के लिए कुछ महीने एकेडमी तथा कुछ महीने Senior Judge के साथ काम करना पड़ता है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सिविल जज जूनियर डिवीज़न का पोस्ट प्रदान किया जाता है.
जज बनने के लिए योग्यता क्या है?
- किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए.
- उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से 3 वर्ष का एलएलबी डिग्री कोर्स का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
- आवेदक को भारत देश का नागरिक होना चाहिए.
- अभ्यर्थी की अधिकतम उम्र 62 वर्ष होनी चाहिए.
- एलएलबी डिग्री कोर्स पूरा होना चाहिए.
- उम्मीदवार किसी उच्चतम न्यायलय में लगातर दस वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया हो.
जज कैसे बने? प्रक्रिया:
- जज बनने के लिए सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वी पास करे.
- इसके बाद किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से LLB Degree Course पूरा करे.
- Note: ग्रेजुएशन के बाद भी एलएलबी कोर्स कर सकते है. इसकी अवधी 3 वर्ष की होगी.
- एलएलबी कोर्स करने के बाद जज के पद के लिए आवेदन करे.
- राज्य के High Court और राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जज की भर्ती के लिए notification जारी किया जाता है. सूचना प्राप्त होते ही अप्लाई करे.
- आवेदन करने के बाद सिलेबस के अनुसार परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित करे.
- Judicial Service Exam मुख्यतः तीन चरणों में होता है. जैसे;
- prelims
- mains और
- interview.
- जज बनने के लिए तीनों चरणों की परीक्षाओ में अच्छे अंक प्राप्त करना होगा. क्योंकि, परीक्षा के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाता है.
- यदि आपका रिजल्ट मेरिट लिस्ट में आता है, तो मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है.
यदि आपका चयन जज बनने के लिए होता है, तो एक साल का ट्रेनिंग और प्रशिक्षण के लिए कुछ महीने Senior Judge के साथ काम करने भेजा जाएगा. उसके बाद आपको जज के पद से सम्मानित किया जाएगा.
जज की सैलरी कितनी होती है?
एक जज की सैलरी अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न होती है. सामान्य तौर पर एक जज की सैलरी 45 से 50 हजार के के बिच तथा सीनियर जज की सैलरी लगभग 80 हजार से 1 लाख के बीच होती है.
तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी 2.50 लाख रूपये और उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की सैलरी 2.25 लाख रूपये तक हो सकती है. इसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी 2.80 लाख रूपये तथा सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की 2.50 लाख रुपये तक हो सकती है. हालाँकि जज की सैलरी समय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है. अर्थात, जज की वेतन इससे अधिक भी हो सकता है.
जज की भर्ती कैसे होता है?
भारत में जज की भर्ती लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से होती है. अर्थात, एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने वाले उम्मीदवार को जज बनाया जाता है. इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है:
- पहले Prelims Exam का आयोजन किया जाता है.
- इस एग्जाम को पास करने वाले उम्मीदवार को Main एग्जाम के लिए बुलाया जाता है.
- Main Exam को क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को Interview के लिए बुलाया जाता है.
- Interview में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का मेरिट लिस्ट तैयार होता है.
- और मेरिट के अनुसार जज की भर्ती की जाती है.
उम्मीद करता हूँ कि जज कैसे बने की प्रक्रिया आपको समझ में अवश्य आई होगी. यदि कोई संदेह हो, तो कृपया हमें कमेंट अवश्य करे.
अक्शर पूछे जाने वाले FAQs
जज बनने के लिए 12वी या ग्रेजुएशन के बाद LLB करना पड़ता है. इसके बाद एग्जाम के लिए अप्लाई करे. अप्लाई करने के बाद PCS (J) के तीनो परीक्षा में बैठे और उसे क्लियर करे. क्लियर करने के बाद मेरिट के अनुसार जज की भर्ती होगी.
एक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यानि जज की सैलरी 2.80 लाख रूपये और अन्य जजों की सैलरी 2.50 लाख रुपये हर महीने होती है.
हाँ, जज की नौकरी देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक है. क्योंकि, इस नौकरी में बेहतर सैलरी के साथ सम्मान अधिकारिक है. इसलिए, भारत में लोगो का जज बनना बेहद पसंद है.
न्यायायिक सेवा परीक्षा के माध्यम से जज का सिलेक्शन होता है. यह परीक्षा तीन चरणों में होता है, प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार परीक्षा.