गणित के बहुपद क्लास 10 के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय होता है. क्योंकि, इस चैप्टर से लगभग 10 मार्क्स के प्रश्न पूछे जाते है, जिसमे अधिकतक प्रश्न Bahupad के सूत्र से होते है. ऐसे में Bahupad ka Sutra, परिभाषा एवं ट्रिक्स समझना अत्यंत आवश्यक है. हालांकि बहुपद क्लास 10 के लिए ही केवल महत्वपूर्ण नही है. बल्कि क्लास 6 से 9 तक के लिए भी महत्वपूर्ण है.
शिक्षक मानते है कि इसके बिना गणित के सवाल हल करना बहुत मुश्किल है. क्योंकि, बहुपद गणित का आधार होता है, जिसके बिना मैथ्स में विशेषज्ञ होना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन बहुपद का अध्ययन कर वह उपलब्धि हासिल अवश्य किया जा सकता है.
बहुपद किसे कहते है?
बहुपद की परिभाषा: बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से सम्बंधित पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं.
दुसरें शब्दों में, बहुपद किसे कहते है?
चर, अचर, चर के गुणांक तथा ऋणेतर घातांक के जोड़, घटाव या गुणन की क्रिया वाले बीजगणितीय व्यंजक को बहुपद कहते है.
अर्थात,
a + a₁x + a₂x² + a₃x³ +…………………… + anxⁿ के रूप में रहने वाले व्यंजक को बहुपद कहते है.
जहाँ जहाँ a, a₁, a₂, a₃ ……an अचर वास्तविक संख्याएँ है और n पूर्ण संख्या है. Or
चर एवं अचर के पदों के समूह को बहुपद कहा जाता है. Or
धनात्मक(+) और ऋणात्मक (-) चिह्नों में शामिल कई पदों के व्यंजक को बहुपद कहते हैं.
जैसे:- 5x5 + 4xy3 + 4x2
y3+ y2 + yz आदि.
बहुपद के प्रकार
चर एवं अचर बहुपद को सामिल करने से जो पद प्राप्त होते है उन्हें बीजीय बहुपद कहा जाता है.
जैसे:-
- x – 8
- x + 64
- x+1, आदि.
बीजीय बहुपद मुख्यतः दो प्रकार के होते है.
- अचर बहुपद
- चर बहुपद
1. अचर बहुपद:
बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा स्थिर रहता है वह अचर बहुपद कहलाता है.
जैसे:
- 3x + 5
- x – 2
- 2 और 5 अचर बहुपद है
क्योंकि, इनका मान सदैव स्थिर रहता है.
Note:
- अचर बहुपद वास्तविक या काल्पनिक, दोनों संख्या हो सकते है.
- अचर बहुपद का घात शून्य होता है.
2. चर बहुपद:
बहुपद का वैसा पद जिसका मान हमेशा बदलता रहता है वह चर बहुपद कहलाता है.
जैसे:- x2 + 5x + 2
- चर बहुपद कभी भी काल्पनिक नही होता है.
- चर बहुपद को x, y, z द्वारा सूचित किया जाता है.
बहुपद की पहचान:
यदि किसी व्यंजक के सभी पदों का घात एक धनात्मक पूर्णाक होता है, तो वह बहुपद कहलाता है
यदि कीसी व्यंजक का घात, भिन्न, ऋणात्मक पूर्णाक या अपरिमेय संख्या होता है, तो वह बहुपद नही कहलाता है. जैसे:-
- x2 -x +0 ,एक बहुपद है क्योकि x का घात धनात्मक है.
- x2 +√2 ,एक बहुपद है..
- √x +√2 बहुपद नहीं है क्योकि x का घात परिमेय संख्या नही है. .
- 2 + x-2 बहुपद नही है क्योंकि यह घात ऋणात्मक है.
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बहुपदो का घात
बहुपदों में चर का महत्तम घात बहुपद का घात कहलाता है. जैसे
3x2 + 2x + 5 में चर के अधिकतम घात 2 है.
घात के अधार पर बहुपदों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार है.
1. शून्य बहुपद (Zero Polynomials):-
p(x) = 0 को शून्य बहुपद कहते है. इसका घात बताया नही जाता है.
2. रैखिक बहुपद (Linear Polynomials):-
एक घातवाली बहुपद को रैखिक बहुपद कहते है.
जैसे:- ax + 3, जहाँ a ≠ 0 आदि
3. द्विघात बहुपद ( Quadratic Polynomials):-
दो घात वाली बहुपदों को द्विघात बहुपद कहा जाता है.
जैसे:- ax2 + bx + 3, जहाँ a ≠ 0 द्विघात बहुपद है.
4. त्रिघात बहुपद (Cubic Polynomials):-
तिन घात वाले बहुपद को त्रिघात बहुपद कहते है.
जैसे:- ax3 + bx2 + cx + 3 जहाँ a ≠ 0, एक त्रिघात बहुपद है.
5. एकपदी बहुपद (Monomial):-
एक पद वाले बहुपद को एकपदी बहुपद कहते है.
जैसे:- 3, x, x2 आदि.
6. द्विपदी बहुपद (Binomial):-
दो पदों वाले बहुपद को द्विपदी बहुपद कहते है.
जैसे:- x + 2, x – 5, x2 + 2, x3 – 2 आदि.
7. त्रिपदी बहुपद (Trinomial):-
तिन पदों वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते है.
जैसे:- x2 + 2x + 5, x3 + x2 – 5x आदि.
बहुपद का शून्ययक
किसी बहुपद के चार के वे सभी मान, जो बहुपद को शून्य के तुल्य कर दे, वह बहुपद का शून्ययक कहलाता है.
जैसे:- ax + b का शून्ययक – b / a होता है.
बहुपद के शून्यक एवं गुणांक में सम्बन्ध:
1. रैखिक बहुपद :-
p(x) = ax + b जहाँ a ≠ 0 हो, तो
p(x) का शून्ययक एक होता है. – b / a = – (अचर पद) / (x का गुणांक)
2. द्विघात बहुपद:-
p(x) = ax2 + bx + c, जहाँ a ≠ 0 का शून्ययक दो होती है उन्हें ग्रीक अक्षर α (अल्फा) और β (बीटा) से व्यक्त किया जाता है.
- शून्यक (α, β) = – b ± √(b – 4ac) / 2a
- शून्यको का योगफल (α + β) = – b / a = अचर / (x का गुणांक)
- शून्यको का गुणनफल = c / a = अचर / (x का गुणांक)
- ax2 + bx + c = (α – x) (β – x)
3. P(x) = ax3 + bx2 + cx + d, a ≠ 0 के तिन शुन्यक होते है, जिन्हें क्रमशः α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) से व्यक्त किया जाता है.
- α + β + γ = -b / a = x2 का गुणांक / x3 का गुणांक
- αβ + βγ + γα = c / a = x का गुणांक / x3 का गुणांक
- αβγ = अचर पद / x3 का गुणांक
शेषफल प्रमेय (Remainder Theory)
यदि p(x) बहुपद (Bahupad) हो, जिसका घाट (n > 1) को (x – a) से भाग दिया जाता है, तो शेषफल p(a) होता है.
जैसे:- x – a = 0 इसलिए x = a
Note:-
- बहुपद p(x) में ( x + a) से भाग देने पर शेषफल P( -a) होता है.
- बहुपद p(x) में ( ax + b) से भाग देने पर शेषफल P( -b /a) होता है.
गुणनखंड प्रमेय (Factor Theorem)
यदि p(x) कोई बहुपद हो, जिसका घाट (n > 1) हो (x – 1) से भाग देने पर शेषफल P(a) = 0 हो (x – a), p(a) का एक गुणनखंड होता है.
परिमेय व्यंजक
P(x) और q(x) दो बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) को परिमेय व्यंजन कहते है.
महत्वपूर्ण तथ्य
1. Bahupad के घात के बढ़ते या घटते क्रम में सजा रूप बहुपद का मानक रूप कहलाता है.
2. बहुपद के चर का उच्चतम घात बहुपद का घात कहलाता है.
3. दो बहुपदों का योगफल, अंतर और गुणनफल हमेशा एक बहुपद होता है.
4. दो बहुपदों का भाग हेमशा बहुपद नही होता है.
5. द्विघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या दो α (अल्फा) और β (बीटा) होती है.
6. त्रिघात बहुपद में शुन्यकों की संख्या तीन यानि α (अल्फा) β (बीटा) और γ (गामा) होती है.
7. प्रत्येक बहुपद एक परिमेय व्यंजक होता है, लेकिन प्रत्येक परिमेय व्यंजक बहुपद नही होता है.
8. P(x) और q(x) बहुपद हो और q(x) ≠ 0, तो P(x) / q(x) एक परिमेय व्यंजक होता है. यह बहुपद तभी होगा, जब q(x), P(x) का एक गुणनखंड होगा.
9. P(x) / q(x), q(x) ≠ 0 का गुणात्मक व्युत्क्रम q(x) / P(x) होता है जब P(x) ≠ 0.
10. किसी भी बहुपद का गुणा शून्य के साथ शून्य ही होता है.
11. P(x) / q(x) लघुतम रूप में तभी कहलाएगा, जब P(x), q(x) का महत्तम समपवर्त्तक = 1 हो.
अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न: FAQs
Q. बहुपद किसे कहते हैं उदाहरण सहित समझाइए?
प्रारंभिक बीजगणित में धन (+) और ऋण (-) चिह्नों से संबंद्ध कई पदों के व्यंजक को बहुपद (Polynomial) कहते हैं. जैसे 2x⁵ + 3xy³ + 6x² तथा 7x⁶y + 3x²yx² – 5yx बहुपद के उदाहरण है.
Q. एक चर वाले बहुपद किसे कहते हैं?
एक चर वाले बहुपद ऐसा पद होता है, जो axn के रूप में होता है. जहाँ n एक गैर नकारात्मक पूर्णांक और a वास्तविक संख्या होता है तथा a x का गुणांक कहलाता है. बहुपद में सबसे बड़े घातांक को बहुपद की डिग्री कहते है.
Q. एक पद वाले बहु पद को क्या कहा जाता है?
एक पद वाले बहुपद को एकपदी, दो पद वाले बहुपद को द्विपदी और तीन पद वाले बहुपद को त्रिपदी बहुपद कहते हैं.